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    प्राचार्य

    बेशक, शिक्षा का मूल उद्देश्य बच्चों की साक्षरता और सशक्तिकरण है ताकि वे कमा सकें और आराम से अपना जीवन जी सकें, लेकिन शिक्षा का अंतिम उद्देश्य बेहतर पुरुषों और महिलाओं का निर्माण करना है जो गुणी, नेक जिम्मेदार नागरिक, वैश्विक विचारधारा के प्रतिपादक हों। भाईचारा और समतामूलक समाज और जो मानवता के कल्याण और विकास के लिए योगदान करने के लिए अच्छी तरह से तैयार और सक्षम हैं। उनसे नैतिक मूल्यों और भारतीय संस्कृति में आस्था रखते हुए वैश्विक दृष्टिकोण अपनाने की अपेक्षा की जाती है। शिक्षा को जीवन भर विभिन्न स्रोतों से सीखते रहने की अंतर्दृष्टि देनी चाहिए। केन्द्रीय विद्यालय देवली एक ऐसी संस्था है, जिसमें छात्रों को न केवल पाठ्यक्रम से संबंधित किताबें पढ़ाकर शिक्षित किया जाता है, बल्कि उच्च विद्वान और समर्पित संकाय द्वारा विभिन्न सह-पाठ्यचर्या संबंधी गतिविधियों के माध्यम से उनमें अच्छे चरित्र के निर्माण में मदद करने वाले अन्य मूल्यों को भी शामिल किया जाता है। मेरी कामना है कि केवी देवली के छात्र अपने जीवन में नई ऊंचाइयों को छुएं और समाज में अच्छा नाम कमाएं।
    श्री नवरतन मित्तल